UP Outsourcing Employees Salary Hike: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत देने वाला अहम निर्णय लिया है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में यह तय किया गया कि राज्य में कार्यरत किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी का मासिक वेतन ₹16,000 से कम नहीं होगा। वहीं, कुछ पदों पर यह राशि ₹25,000 तक निर्धारित की गई है।
न्यूनतम वेतन की गारंटी
राज्य सरकार ने सभी विभागों और आउटसोर्सिंग एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी कर्मचारी को ₹16,000 से कम वेतन नहीं दिया जाएगा। यदि कोई एजेंसी इसका पालन नहीं करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पदों के आधार पर तय होगा वेतनमान
सरकार द्वारा जारी नए वेतनमान के अनुसार:
- प्रथम श्रेणी पद – ₹25,000 (लेक्चरर, प्रोजेक्ट ऑफिसर, असिस्टेंट आर्किटेक्ट, अकाउंट ऑफिसर आदि)
- द्वितीय श्रेणी पद – ₹21,500
- तृतीय श्रेणी पद – ₹18,000
- चतुर्थ श्रेणी पद – ₹15,000
महीने की 5 तारीख को समय पर वेतन भुगतान
कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने आदेश दिया है कि अब हर महीने की 5 तारीख तक सैलरी सीधे कर्मचारियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके साथ ही PF की राशि भी समय पर जमा होगी।
स्वास्थ्य लाभ और छुट्टियां भी मिलेंगी
नई नीति के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को सिर्फ वेतन ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएं और छुट्टियों का अधिकार भी मिलेगा। सरकार का मानना है कि इन सुविधाओं से कर्मचारियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और कार्यक्षमता में सुधार होगा।
बनेगा नया आउटसोर्स सेवा निगम
कैबिनेट ने एक नए आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी है। यह निगम कर्मचारियों की सेवाओं की निगरानी करेगा, शिकायतों का समाधान करेगा और नियम तोड़ने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई करेगा। इस कदम से आउटसोर्स कर्मचारियों को पारदर्शिता और स्थायित्व मिलेगा।
आरक्षण और महिलाओं को प्राथमिकता
नई भर्ती नीति में सरकार ने स्पष्ट किया है कि आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में आरक्षण प्रणाली लागू होगी। SC, ST, OBC, EWS, दिव्यांग और पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही तलाकशुदा, परित्यक्ता और निराश्रित महिलाओं को भी नौकरी में प्राथमिकता देकर आत्मनिर्भर बनाने का अवसर दिया जाएगा।