लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को हरी झंडी मिलने की पूरी संभावना है। इस फैसले के लागू होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों को शोषण से छुटकारा, सैलरी में बढ़ोतरी और कई नई सुविधाएं मिलने लगेंगी। निगम राज्य के 92 विभागों और शिक्षण संस्थानों के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती करेगा। साथ ही उन्हें पेंशन, बीमा और आरक्षण जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।
आउटसोर्स निगम से होगा फायदा
कैबिनेट में पारित होने वाले इस प्रस्ताव से आउटसोर्स कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी। निगम के जरिए विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की सीधी तैनाती होगी और वेतन में पारदर्शिता लाई जाएगी। कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति मिलेगी तथा वेतन में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य और अवकाश जैसी अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी।
लोकभवन में सुबह 11 बजे से होने वाली बैठक में लगभग 12 प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय की संभावना है। माना जा रहा है कि कंपनीज एक्ट के तहत इसे पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर किया जाएगा।

तय होगा न्यूनतम मानदेय
निगम के गठन के बाद सरकार आउटसोर्स कर्मियों का न्यूनतम वेतन 16 से 18 हजार रुपये तय कर सकती है। डॉक्टर और विशेष पदों पर मानदेय 3 से 5 लाख रुपये तक तय हो सकता है। इसके अलावा, निगम यह सुनिश्चित करेगा कि हर माह की 5 तारीख तक वेतन कर्मचारियों के खाते में पहुंचे। साथ ही कर्मियों को सालाना 12 आकस्मिक अवकाश और 10 मेडिकल लीव का लाभ मिलेगा।
आरक्षण और महिलाओं को विशेष प्राथमिकता
भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नीति लागू होगी। इसमें –
- अनुसूचित जाति (SC)
- अनुसूचित जनजाति (ST)
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)
- दिव्यांग
- पूर्व सैनिक को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके साथ ही परित्यक्ता, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को भी नौकरी में वरीयता मिलेगी ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
बीमा और पेंशन की सुविधा
निगम के कर्मचारियों को कई सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेंगे:
- दुर्घटना में मृत्यु पर परिवार को 30 लाख रुपये तक आर्थिक सहायता।
- किसी भी प्रकार का प्रीमियम देने की आवश्यकता नहीं होगी।
- सभी कर्मियों को ईपीएफ और बीमा की सुविधा।
- कर्मचारी 60 साल की उम्र तक सेवा दे सकेंगे।
- रिटायरमेंट के बाद ₹1000 से ₹7500 तक मासिक पेंशन।
- अविवाहित कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में माता-पिता को ₹1000 से ₹2900 पेंशन।
मुफ्त इलाज और अन्य लाभ
नई व्यवस्था में कर्मचारियों को मुफ्त इलाज की सुविधा भी मिलेगी। निगम गठन के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निदेशक मंडल (Board of Directors) बनाया जाएगा और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी।
दिव्यांग शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला
बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में माध्यमिक विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए नियमित विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय भी लिया जा सकता है। फिलहाल इन स्कूलों में संविदा पर शिक्षक कार्यरत हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति
कैबिनेट में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति को भी स्वीकृति दी जा सकती है। इस नीति के तहत अब वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और पुर्जे, जो अभी तक आयात होते हैं, उनका उत्पादन प्रदेश में ही शुरू किया जाएगा। इससे उद्योग, निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
अन्य प्रस्ताव
- शाहजहांपुर में शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी विचार होगा।
- पीएम कुसुम योजना 2.0 के तहत वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक सौर पंप स्थापना की कार्ययोजना को मंजूरी मिल सकती है।
- इस योजना में किसानों को सोलर पंप पर 60% तक सब्सिडी मिलेगी।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग 45,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे।
- स्वास्थ्य विभाग के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 30 बेड वाले एफआरयू (First Referral Unit) के रूप में पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा।
- इससे मरीजों को सीएचसी पर ही शुरुआती इलाज उपलब्ध होगा और गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल भेजा जाएगा।